झलकारी बाई का जीवन परिचय
भाग ३
झलकारी बाई और स्वतंत्रता संग्राम (Jhalkari Bai and 1857 Revolution)
भाग ३
झलकारी बाई और स्वतंत्रता संग्राम (Jhalkari Bai and 1857 Revolution)
लार्ड डलहौजी की हड़प नीति के कारण रानी लक्ष्मी बाई अपने उत्तराधिकारी को
गोद नहीं ले सकती थी. इसी के विरोध ने रानी लक्ष्मीबाई और उनकी सेना ने
अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह (1857 स्वतंत्रता संग्राम) का निर्णय लिया.
परन्तु महारानी लक्ष्मीबाई के ही सेनापति में से एक दूल्हेराव ने अंग्रेजो
के लिए किले का द्वार खोल दिया. जिसके बाद ब्रिटिश आर्मी ने किले पर हमला
कर दिया. जब इस लड़ाई में रानी लक्ष्मीबाई की हार निश्चित हो रही थी तो
सेनापतियों और झलकारी बाई ने रानी लक्ष्मी बाई को किले से सुरक्षित निकलने
की सलाह दी. जिसके बाद रानी लक्ष्मी बाई अपने कुछ विश्वास पात्र सैनिकों के
साथ झाँसी से दूर निकल गयी.
झलकारी बाई ने अंग्रेजों को धोका देने के लिए रानी लक्ष्मी बाई की तरह वेशभूषा धारण कर झाँसी की सेना का नेतृत्व किया. इस लड़ाई में पूरण सिंह भी वीरगति को प्राप्त हो गए थे.
झलकारी बाई ने अंग्रेजों को धोका देने के लिए रानी लक्ष्मी बाई की तरह वेशभूषा धारण कर झाँसी की सेना का नेतृत्व किया. इस लड़ाई में पूरण सिंह भी वीरगति को प्राप्त हो गए थे.
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