झलकारी बाई का जीवन परिचय
भाग ४
झलकारी बाई मृत्यु (Jhalkari Bai Death)
भाग ४
झलकारी बाई मृत्यु (Jhalkari Bai Death)
झलकारी बाई की मृत्यु को लेकर आज भी संशय का विषय हैं. कुछ इतिहासकरों का
मानना हैं कि रानी लक्ष्मी बाई को सुरक्षित किले से बाहर निकालने के दौरान
अंग्रेजों के द्वारा बंदी बना लिया गया था परन्तु बाद में उन्हें अंग्रेजों
ने छोड़ दिया था.
इतिहासकारों के अनुसार झलकारी बाई झाँसी के किले में ही अंग्रेजों से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुई थी.
भारत सरकार द्वारा झलकारीबाई के नाम का पोस्ट और टेलीग्राम स्टेम्प भी जारी किया गया है. राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने झलकारी बाई की बहादुरी को अपनी पंक्तियों के माध्यम से विस्तृत किया हैं.
“जा कर रण में ललकारी थी,
वह तो झाँसी की झलकारी थी,
गोरो से लड़ना सिखा गयी,
है इतिहास में झलक रही,
वह भारत की ही नारी थी!!”
इतिहासकारों के अनुसार झलकारी बाई झाँसी के किले में ही अंग्रेजों से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुई थी.
भारत सरकार द्वारा झलकारीबाई के नाम का पोस्ट और टेलीग्राम स्टेम्प भी जारी किया गया है. राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने झलकारी बाई की बहादुरी को अपनी पंक्तियों के माध्यम से विस्तृत किया हैं.
“जा कर रण में ललकारी थी,
वह तो झाँसी की झलकारी थी,
गोरो से लड़ना सिखा गयी,
है इतिहास में झलक रही,
वह भारत की ही नारी थी!!”
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