विनोद जाधव एक संग्राहक

Wednesday, 21 April 2021

#महाराष्ट्र_का_प्राचीन_इतिहास🚩



 #महाराष्ट्र_का_प्राचीन_इतिहास🚩

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महाराष्ट्र का नाम लेते ही हमारे सामने सबसे पहला नाम आता है हमारे भगवान का यानी कि छत्रपति श्री शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र का इतिहास कहां जाए तो हमें छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बाद का इतिहास बताया जाता है लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के पहले का महाराष्ट्र कैसा था इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है तो आज हम महाभारत कालीन महाराष्ट्र की जानकारी लेंगे मतलब डायरेक्ट आज से लगभग साडे पांच हजार पहले का द्वापर युग का महाराष्ट्र कैसा था इसकी जानकारी आज हम लेंगे।

तो आजकल हम देखते है की हमारे हिंदुस्तान में जो राज्य है वह भाषा के हिसाब से निर्धारित है बटे है अलग-अलग भाषा के हिसाब से अलग-अलग राज्य बने हैं। लेकिन पहले ऐसा नहीं था तो महाभारत काल से लेकर इसवी सन पूर्व छठी शताब्दी तक यानी कि आज से लगभग २६०० साल पहले तक ऐसे भाषा के हिसाब से राज्य नहीं थे उस वक्त पूरा हिंदुस्तान एक था इस संपूर्ण हिंदुस्तान में १६ महाजनपद थे क्योंकि उस वक्त सब की बोली भाषा एक ही थी सब की बोली भाषा संस्कृत थी यह १६ राज्य जनपद उस राज्य के राजा के नाम से जाने जाते थे।

तो इस १६ महाजनपदों में दो प्रकार पड़ते हैं एक महाभारत कालीन महाजनपद और दूसरा  महाभारत के युद्ध के बाद सभी राज्य ध्वस्त हो गए इस कारण महाभारत युद्ध के बाद फिर से राज्यों की स्थापना हुई और उस महाभारत काल के बाद के राज्यों की महाजनपदों की भौगोलिक स्थिति कुछ नाम और कुछ स्थान विभिन्न है।

तो हम पहले महाभारत काल में महाराष्ट्र किस महाजनपद का हिस्सा था इसके बारे में जानकारी लेते हैं।

तो महाभारत काल में महाराष्ट्र का एक बड़ा हिस्सा मतलब #विदर्भ यह विदर्भ महाजनपद था आज भी इसे विदर्भ ही कहा जाता हैं।

विदर्भ शब्द का अर्थ होता है वीर और तर्फ इस्का अपभ्रंश होके विदर्भ हुआ तर्फ मतलब प्रदेश इस तर्फ का दर्भ हो गया और वीर का र निकल गया और बन गया विरो का प्रदेश याने विदर्भ जो महाराष्ट्र है उसकी जड विदर्भ है।

भगवान श्रीकृष्ण जी की पहली पत्नी श्री रुकमणी माता इसी विदर्भ की थी राजा #भीष्मक यह विदर्भ के राजा थे और उनकी बेटी श्री रुक्मिणी माता थी रुक्मणी माता के माता का नाम #शुद्धमती था और रुकमणी माता का भाई राजकुमार रुक्मी थे और विदर्भ राज्य के उत्तराधिकारी यही थे तो यह हो गई महाराष्ट्र के एक जनपद की जानकारी।

और दूसरा एक महाजनपद था जिसका कुछ हिस्सा आज के महाराष्ट्र में आता है यानी कि पांचाल महाजनपद आज के महाराष्ट्र के जलगांव जिले का जो पाचोरा नामक शहर है वही पहले पांचाल नगरी थी भगवान श्रीकृष्ण जी की बहन और पांडवो की पत्नी #द्रोपदी यह इसी राज्य की राजकुमारी थी इस राज्य के राजा #द्रुपद थे।

यह दो हो गए महाभारत कालीन महाजनपद विदर्भ और पांचाल जो आज के महाराष्ट्रभूमि में आते थे तो महाभारत के युद्ध के बाद जो पुनः राज्य स्थापित हुए महाजनपद स्थापित हुए उसमें कौन से महाजनपद महाराष्ट्र भूमि में आते हैं इसके बारे में अब जानकारी लेते हैं।

तो महाभारत काल के बाद से लेकर इसवी  सन पूर्व छठी शताब्दी तक जो महाजनपद थे उनकी लिस्ट यह रही

१)अंग २)अवंती ३)अश्मक ४)कांबोज ५)काशी ६)कुरू ७)कोसल ८)चेदी ९)पांचाल १०)मगध ११)मत्स्य १२)मल्ल १३)वत्स १४)वृज्जी १५)शूरसेन १६)गांधार.

इसमें जो #अशमक महाजनपद है यह आज के महाराष्ट्र में आता था यह एकमात्र दक्षिण में स्थित महाजनपद था इसकी राजधानी प्रतिष्ठान यानी कि आज का #पैठण थी इशवाकु वंश के राजा यहा राज करते थे।

जय श्रीराम जय शिवराय जय महाराष्ट्र जय हिंदूराष्ट्र🕉️🚩⚔️

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