झासी का मराठा महाराजा गंगाधर राव नेवालकर जीवन परिचय व् इतिहास |
भाग ७
गंगाधर के अंतिम क्षण (Gangadhar Rao death)
जब गंगाधर ने पत्र मेजर एलिस को दे दिया, उसके तुरंत बाद वो बेहोश हो गये
.मेजर एलिस और कैप्टेन मार्टिन ने उन्हें दवाई दी और लौट गए. महारनी
लक्ष्मी बाई नेपथ्य में अपने पति के पास आकर बैठ गई और दवाई के कारण राजा
को नींद आ गयी और रात में 4 बजे राजा ने आँख खोली तब प्रजा अपने प्रिय राजा
की स्वास्थ की मंगल कामना के लिए महल के सामने एकत्र हो रखी थी. लेकिन
प्रजा की शुभकामना और मेजर एलिस की भाग-दौड़ और अंग्रेज डॉक्टर को बुलाना
कहीं काम नहीं आया क्योंकि राजा ने अंग्रेजी उपचार लेने से मना कर दिया और
20 नवम्बर 1853 की मध्य रात्री को महाराजा ने देह त्याग दी.
नाम गंगाधर राव
पिता शिव राव भाऊ
बड़े भाई रघुनाथ राव
पत्नी मणिकर्णिका
पुत्र दामोदर गंगाधर राव
पूर्वज मराठा
शासन क्षेत्र बुंदेलखंड में झाँसी
कौशल कूशल कुटनीतिज्ञ,शासक,योद्धा,कुछ नेतृत्व क्षमता
विशेषता प्रजा-प्रिय,विद्वान,सशक्त राजनीतिज्ञ,धार्मिक प्रवृति,स्वाभिमानी और अंग्रेजों में भी सम्मान की भावना
विख्यात होने का कारण
झांसी के महाराजा
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के पति
शौक हाथी और घोडो का शौक
मृत्यु का कारण पेचिश
देहांत 20 नवम्बर 1853
स्मृति स्थल गंगाधर राव की छतरी,झांसी
नाम गंगाधर राव
पिता शिव राव भाऊ
बड़े भाई रघुनाथ राव
पत्नी मणिकर्णिका
पुत्र दामोदर गंगाधर राव
पूर्वज मराठा
शासन क्षेत्र बुंदेलखंड में झाँसी
कौशल कूशल कुटनीतिज्ञ,शासक,योद्धा,कुछ नेतृत्व क्षमता
विशेषता प्रजा-प्रिय,विद्वान,सशक्त राजनीतिज्ञ,धार्मिक प्रवृति,स्वाभिमानी और अंग्रेजों में भी सम्मान की भावना
विख्यात होने का कारण
झांसी के महाराजा
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के पति
शौक हाथी और घोडो का शौक
मृत्यु का कारण पेचिश
देहांत 20 नवम्बर 1853
स्मृति स्थल गंगाधर राव की छतरी,झांसी
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