#गंगू मेहतर का नाम भी नाना साहेब पेशवा की #सैनिक टीम के सर्वश्रेष्ठ सेनानियों में से एक माना जाता था। शुरुआत में उन्हें नगाड़ा बजाने के लिए शामिल किया गया था। लेकिन उनकी वीरता और कुश्ती को देखते हुए सूबेदार का पद मिला। उन्होंने उन #सैनिकों को कुश्ती के गुर भी सिखाए जिन्होंने #आजादी की लड़ाई लड़ी और लगभग 200 #अंग्रेजों को मार डाला और 18-9-1859 को #कानपुर में चौराहे पर #फांसी पर लटका दिए गए। इन वीर क्रांतिकारी योद्धाओं को शत शत नमन। वे बताते हैं कि #इतिहास में उनका नाम गुमनाम है और उनकी स्मृति में कोई मूर्ति नहीं है।
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