विनोद जाधव एक संग्राहक

Sunday, 18 July 2021

*सुबेदार श्रीमंत खंडेराव होलकर*

 


*सुबेदार श्रीमंत खंडेराव होलकर*

श्रीमंत खंडेराव होलकर मराठा साम्राज्यके महान योद्धा श्रीमंत मल्हारराव होलकर के पुत्र थे एवं मराठा साम्राज्य के एक महान और बहादुर योद्धा भी थे | जिन्होंने भरे दरबार में दिल्ली के बादशाह की बेज्जती की थी |
सूबेदार खंडेराव होलकर मराठा साम्राज्य के ऐसे दूसरे व्यक्ति थे जिन्होंने मुगल बादशाह द्वारा दी गई शाही खिल्लत को ठुकरा दिया था | और शाही खिल्लत को ठुकराना बादशाह का अपमान माना जाता था | आज से कुछ वर्ष पूर्व १६६६ में छत्रपती शिवाजी महाराज ने मुगल बादशाह औरंगजेब की खील्लत को ठुकरा दिया था |
२१ नवंबर १७५३ को सूबेदार खंडेराव होलकर ४००० सैनिक और होलकर दिवान गंगाधर चंद्रचुड को साथ में लेकर दिल्ली पहुंचे थे | मुगल बादशाह अहमद शाह ने सुभेदार खंडेराव होलकर को भेंट का समय नहीं दिया २० दिन तक मुगल वजीर और मीर बक्शी सुभेदार खंडेरावजी से बात चलाते रहे आखिर वजीर इंतजामुद्दोंला ने बादशाह को सलाह दी कि मराठा सेनापती सुभेदार खंडेराव होलकर २० दिन से दिल्ली में है बादशाह की ओर से उन्हें खिल्लत दी जानी चाहिए १० दिसंबर १७५३ को शाही मुलाजिम रेशमी वस्त्रों से ढके खिल्लत की थाली लिए सुभेदार खंडेराव होलकर के डेरे पर पहुंचे खिल्लत में २२००० अर्शफिया और अनेक भेंट थी परन्तु सुबेदार खंडेराव होलकर ने बादशाह द्वारा भेजी गई भेटे लेने से इंकार कर दिया जिससे शाही मुलाजिम खिसियाए और वापस दरबार लौट आए खिल्लत को ठुकराना बादशाहा का अपमान माना जाता था |
उसके बाद बादशाह का पैगाम प्रतिदिन खंडेराव के पास आने लगा के एक बार दरबार में आकर मुलाकात दे | और यह बादशाह का हुकुम नहीं विनती है | १६ दिन बाद खंडेराव ने स्विकृती दी की २६ दिसंबर को शाही दरबार में आ रहा हूं | २६ दिसंबर को सुबेदार खंडेराव महाराज अपने अंगरक्षको के साथ दरबार में पहुंचे , और सुबेदार खंडेराव होलकर ने बादशाह के सामने न सर झुकाया और ना ही
जूहार किया बादशाह ने खंडेराव के लिए खिल्लत लाने की आज्ञा दी खंडेराव ने फिर खिल्लत लेने से इंकार कर दिया सारा दरबार चुपचाप खड़ा देख रहा था तब बादशाह ने खंडेराव को भेट देने के लिए एक तलवार मंगवाई तब खंडेराव ने कहा बादशाह खुद अपने हाथों से मेरी कमर में तलवार बांधे तो स्वीकार करता हूं तो स्वयं बादशाह ने उनके हाथों से खंडेराव के कमर में तलवार बांधी उसके बाद भी खंडेराव ने बादशाह के सामने सर नहीं झुकाया भरे दरबार में अपनी इतनी बेज्जती को बादशाह पी गया |
Post by_ sumit borade

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