भारत के इतिहास में बतौर पहली महिला शासक प्रभावती गुप्त, रानी दिद्दा और रूद्रम्मा देवी से लेकर रजिया सुल्तान के नाम आते रहे हैं।
मगर रुकिए, भारत की पहली महिला शासक नाग कन्या नागनिका थी। जिसका शासन प्रथम सदी ईसा पूर्व में था। जिसके चाँदी के सिक्के महाराष्ट्र से मिले हैं। सिक्कों के ठीक बीचों-बीच रानी नागनिका का नाम लिखा है। इसकी लिपि ब्राह्मी और भाषा प्राकृत है। आप इसे चित्र दो में देख सकते हैं।
लेखिका शुभांगी भडभडे ने मराठी भाषा में रानी नागनिका पर एक ऐतिहासिक उपन्यास लिखा है। उपन्यास में नागनिका के साथ-साथ पति सिरी सातकरणि और उनके दो पुत्र प्रमुख पात्र हैं। यह उपन्यास सातवाहन काल पर आधारित है। आप इसे चित्र एक में देख सकते हैं।
नागनिका का मातृ खानदान अंगीयकुल का था और अंगीयकुल मूलतः नागवंशीय था। ये अंगीयकुल के लोग महारठी लिखते थे। यहीं महारठी आधुनिक महाराष्ट्र के महार लोग हैं। महारठियों के कुछ सिक्के उत्तरी मैसूर से मिलते हैं। जिनसे पता चलता है कि वे काफी शक्तिशाली थे।
महारठी उपाधि धारक अंगीयकुल की बेटी नाग कन्या नागनिका की शादी जब सातवाहन घराने के सिरी सातकरणि से हुई। तब बौद्ध सभ्यता की पताका फहराने वाले सातवाहन वंश के गौरव में इजाफा हुआ।
सिरी सातकरणि की मृत्यु के बाद नागनिका ने सातवाहन साम्राज्य का बतौर शासक संचालन किया और इस प्रकार उन्हें भारत की पहली महिला शासक होने का श्रेय है। - राजेन्द्र प्रसाद सिंह
मगर रुकिए, भारत की पहली महिला शासक नाग कन्या नागनिका थी। जिसका शासन प्रथम सदी ईसा पूर्व में था। जिसके चाँदी के सिक्के महाराष्ट्र से मिले हैं। सिक्कों के ठीक बीचों-बीच रानी नागनिका का नाम लिखा है। इसकी लिपि ब्राह्मी और भाषा प्राकृत है। आप इसे चित्र दो में देख सकते हैं।
लेखिका शुभांगी भडभडे ने मराठी भाषा में रानी नागनिका पर एक ऐतिहासिक उपन्यास लिखा है। उपन्यास में नागनिका के साथ-साथ पति सिरी सातकरणि और उनके दो पुत्र प्रमुख पात्र हैं। यह उपन्यास सातवाहन काल पर आधारित है। आप इसे चित्र एक में देख सकते हैं।
नागनिका का मातृ खानदान अंगीयकुल का था और अंगीयकुल मूलतः नागवंशीय था। ये अंगीयकुल के लोग महारठी लिखते थे। यहीं महारठी आधुनिक महाराष्ट्र के महार लोग हैं। महारठियों के कुछ सिक्के उत्तरी मैसूर से मिलते हैं। जिनसे पता चलता है कि वे काफी शक्तिशाली थे।
महारठी उपाधि धारक अंगीयकुल की बेटी नाग कन्या नागनिका की शादी जब सातवाहन घराने के सिरी सातकरणि से हुई। तब बौद्ध सभ्यता की पताका फहराने वाले सातवाहन वंश के गौरव में इजाफा हुआ।
सिरी सातकरणि की मृत्यु के बाद नागनिका ने सातवाहन साम्राज्य का बतौर शासक संचालन किया और इस प्रकार उन्हें भारत की पहली महिला शासक होने का श्रेय है। - राजेन्द्र प्रसाद सिंह
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